Tuesday, 19 November 2013

ये ज़िंदगी है !

जो चाहा कभी पाया नहीं,
जो पाया कभी सोचा नहीं,
जो सोचा कभी मिला नहीं,
जो मिला रास आया नहीं,
जो खोया वो याद आता है
पर
जो पाया संभाला जाता नहीं ,
क्यों  
अजीब सी पहेली है ज़िन्दगी
जिसको कोई सुलझा पाता नहीं.
जीवन में कभी समझौता करना पड़े तो कोई बड़ी बात नहीं है,
क्योंकि,
झुकता वही है जिसमें जान होती है,
अकड़ तो मुरदे की पहचान होती है।
ज़िन्दगी जीने के दो तरीके होते है!
पहला: जो पसंद है उसे हासिल करना सीख लो.!
दूसरा: जो हासिल है उसे पसंद करना सीख लो.!
जिंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता; जब तक न पड़े हथोड़े की चोट; पत्थर भी भगवान नहीं होता।
जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है;
कभी हंसती है तो कभी रुलाती है; पर जो हर हाल में खुश रहते हैं; जिंदगी उनके आगे सर झुकाती है।
चेहरे की हंसी से हर गम चुराओ; बहुत कुछ बोलो पर कुछ ना छुपाओ;
खुद ना रूठो कभी पर सबको मनाओ;
राज़ है ये जिंदगी का बस जीते चले जाओ।
इस कठिन प्रतियोगिता जीते चले जाओ,ये  कि इससे हस्सी ख़ुशी से आराम दिल वो 
और दुःख के काटो को दूर हटाओ और हेर मुश्किल का सामना केरो  कुछ तो काम केरो।
ये ये ज़िंदगी तो मौसम कि तरह है कभी सूरज कि किरणे तो कभी अँधेरे घना है। 
क्या खोया क्या पाया इस्का गम मात मनाओ,
ये ज़िंदगी ह प्यारे बस ख़ुशी का  और मुश्किलो को तोड़े चले जाओ,
ये ही ज़िंदगी बस जीते चले जाओ। 

No comments:

Post a Comment